सेंचुरियन क्या के LBW फैसला नंगी आंखों से 'अंपायर्स कॉल' नजर आया? या नहीं? लुंगी नगिडी की गेंद टप्पा खाने के बाद अंदर आई। यह गेंद थोड़ी सी बैक ऑफ लेंथ थी। गेंद अग्रवाल के पैड पर थोड़ा ऊपर लगी। अंपायर इरेसमस के साथ सभी को यही लगा कि गेंद विकेट को मिस कर देगी। डीन एल्गर ने अपील की लेकिन रीप्ले में भी यही लग रहा था कि गेंद विकेट को मिस कर सकती है। इसके बाद बॉल-ट्रैकिंग की बारी आती है। काफी देर इंतजार करने के बाद सामने आता है कि गेंद लेग स्टंप के बाहरी हिस्से को छू रही है। यानी यह अंपायर्स कॉल होना चाहिए, सही बात है न? या यह आधी से ज्यादा गेंद लेग स्टंप से टकरा रही थी? इरेसमस उस समय हैरान रह गए जब उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए कहा गया। इसके बाद अग्रवाल मैदान से बाहर गए। उनके चेहरे पर निराशा साफ पढ़ी जा सकती थी। वह बेहद दुखी थे। अग्रवाल जो बहुत अच्छा खेल रहे थे, को यह फैसला बिलकुल रास नहीं आया। वह अपना सिर हिलाते हुए पविलियन लौटे। अग्रवाल के आउट होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट शेयर करने शुरू कर दिए। उनका कहना था कि बॉल ट्रैकिंग पहले भी 'संदेह के घेरे' में रही है। आखिर में अग्रवाल ने भी साफ कर दिया कि उन्हें दुख हुआ है और फैसले से वह सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा, 'मुझे इस पर अपनी राय देने की इजाजत नहीं है।' ऐसा कहते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उन्होंने आगे कहा, 'हां, अगर मैं अपने रिश्ते खराब करना चाहता हूं और पैसे कटवाना चाहता हूं तो मैं ऐसा कर सकता हूं।' लुंगी नगिडी ने हालांकि इस पर खुलकर अपनी राय रखी। हालांकि वह भी 'अंपायर्स कॉल' पर ही अपनी बात कह रहे थे। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि यह एक अच्छी अपील थी। मुझे लगा था कि यह अंपायर्स कॉल होगी। एक बात और कहना चाहूंगा मुझे लगा था जितना उछाल मैं हासिल कर रहा था उसके मुकाबले यह गेंद थोड़ा नीचे रही थी। जब फैसला आने में थोड़ा वक्त लगने लगा तो हर किसी को अपनी राय पर संदेह होने लगा।' अंपायर्स हालांकि इस फैसले पर अपनी राय देने के लिए उपलब्ध नहीं थे इस वजह से कहा जा सकता है कि बॉल ट्रैकिंग एक विवाद बना रहेगा। और लोगों की इस पर अलग राय रहेगी।
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