देवदत्त गायब, रुतुराज आउट और अब वेंकटेश के साथ 'धोखा', क्यों युवाओं को नहीं दे रहे पूरा मौका?

रुपेश सिंह, नई दिल्ली: इसमें दो मत नहीं कि टीम इंडिया () ने बदलाव के दौर में प्रवेश कर लिया है। अगले कुछ महीनों/वर्षों में कुछ पुराने खिलाड़ी गिरती फॉर्म या बढ़ती उम्र की वजह से टीम इंडिया में अपनी स्थाई जगह गंवाएंगे। उनकी जगह कुछ युवा और नए चेहरे एकादश में अपनी जगह पक्की करेंगे। अगले कुछ समय में एक नई और मजबूत टीम इंडिया का निर्माण करने में कप्तान, कोच से ज्यादा चयनकर्ताओं की भूमिका अहम होगी। लेकिन लगता नहीं है कि पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा की अगुआई वाली मौजूदा चयन समिति अपनी भूमिका को लेकर संजीदा है। पिछले कुछ समय में उनके टीम चयन के पैटर्न को देखेंगे तो यही महसूस होगा कि वे ज्यादा से ज्यादा प्लेयर्स को सिर्फ 'टोपी' (इंडिया कैप) पहनाने यानी भारत की ओर से डेब्यू कराने में दिलचस्पी दिखा हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ सीमित ओवर्स की सीरीज के लिए बुधवार को चुनी गई भारतीय टीम इसका एक और उदाहरण है। ये अच्छी बात यह है कि नए व युवा प्लेयर्स को मौका दिया जा रहा है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि उन्हें खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त मौके नहीं मिल रहे। एक-दो मैच का करियरस्पिनर राहुल चाहर, नितीश राणा, चेतन सकारिया, कृष्णप्पा गौतम, संजू सैमसन, ईशान किशन और वो नाम हैं जिन्होंने 2021-22 में भारत की ओर से वनडे में डेब्यू किया और महज एक या फिर दो मैच खिलाकर इन्हें वनडे टीम से बाहर कर दिया गया। सबसे ताजा उदाहरण बाएं हाथ के ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर का है, जो भारत की ओर से वनडे खेलने वाले कुल 242वें प्लेयर बने। वेंकटेश को साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो वनडे में मौका दिया गया और भारत आते ही उन्हें वनडे टीम से बाहर कर दिया गया। वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें बेंच के लायक भी नहीं समझा गया। ‘बी’ टीम से नहीं हुए प्रमोटनितीश, चेतन, राहुल, संजू वो खिलाड़ी हैं जिन्हें पिछले साल श्रीलंका में श्रीलंका के खिलाफ खेलने का मौका दिया गया। श्रीलंका गई भारतीय टीम को 'बी' टीम का दर्जा दिया गया था। यानी ए टीम में जगह बनाने की रेस में ये खिलाड़ी सबसे आगे थे। लेकिन इनका चयन ना तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ और अब ना ही वेस्टइंडीज के खिलाफ किया गया। अब वनडे में रवि बिश्नोई, दीपक हुड्डा, अवेश खान को मौका दिया गया है। लेकिन इनका सफर टीम के साथ कितना लंबा होगा यह कहा नहीं जा सकता। देवदत्त गायब, रुतुराज आउटआईपीएल में जोरदार प्रदर्शन करने के बाद 21 साल के पिछले साल भारत की ओर से डब्यू करने वाले 21वीं सदी में पैदा होने वाले पहले बल्लेबाज बने। देवदत्त को श्रीलंका के खिलाफ दो टी20 मैच खेलने को मिले और इसके बाद यह छह फुट तीन इंच लंबा स्टाइलिश ओपनर चयनकर्ताओं की लिस्ट से गायब हो गया। अब कुछ ऐसा ही व्यवहार रुतुराज के साथ होता नजर आ रहा है। मौजूदा समय में दुनिया के सर्वाधिक प्रतिभावान युवा क्रिकेटरों में शुमार रुतुराज को साउथ अफ्रीका में एक भी मैच में मौका नहीं मिला और घर लौटने पर उन्हें टी20 टीम की लिस्ट से बाहर कर दिया गया। एक बात तो तय है कि चयनकर्ता ऐसा रवैया अपना कर इन युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा के साथ न्याय तो नहीं ही कर रहे। टीम इंडिया की टोपी इन्हें जरूर मिल जा रही है, लेकिन ये टोपी शायद घर की खूंटी में टांगने के लिए मिल रही है। 'चाइनामैन' की वापसी का आधार क्यावेस्टइंडीज के खिलाफ टीम चयन में सर्वाधिक चर्चा चाइनामैन बोलर कुलदीप यादव की हो रही है। लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे कुलदीप बेशक एक समय एक घातक बोलर हुआ करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय में उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसकी बदौलत टीम में उनकी वापसी को सही ठहराया जा सके। चोट के बाद वह कॉम्पिटिटिव क्रिकेट खेले भी नहीं हैं। कुलदीप को श्रीलंका के दौरे पर भी मौका मिला था, लेकिन वहां चार मैचों में वह सिर्फ चार विकेट ही ले पाए। कुलदीप के पिछले आठ अंतरराष्ट्रीय मैचों पर नजर डालें तो उन्होंने कुल सात विकेट निकाले हैं। इन आठ मैचों में दो टी20, पांच वनडे और एक टेस्ट मैच भी शामिल है। इन आंकड़ों को देखने के बाद कुलदीप पर चयनकर्ताओं की मेहरबानी समझ से परे है। कुलदीप की बजाए राहुल चाहर को आजमाया जा सकता था। नंबर्स गेम...
  • 242वें प्लेयर हैं वेंकटेश अय्यर भारत की ओर से वनडे खेलने वाले
  • 10 खिलाड़ियों ने साल 2021 में वनडे में डेब्यू किया भारत की ओर से
  • 11 खिलाड़ियों ने 2021 में टी20 इंटरनैशनल में भारत ओर से डेब्यू किया


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