सेंचुरियन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उसकी धरती पर शिकस्त देने के बाद अब साउथ अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय टीम के लिए 'बॉक्सिंग डे' यानी आज से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए सही संयोजन के साथ मैदान पर उतरना एक चुनौती होगी। भारत ने साउथ अफ्रीका का पहला दौरा 1992 में किया था लेकिन वह अभी तक यहां टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है। ऐसे में कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। साउथ अफ्रीका अब पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मजबूत टीम नहीं रही क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से वह परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। इसे देखते हुए कोहली और उनकी टीम के लिए इसे बेहतरीन मौका माना जा रहा है। कागज पर विपक्षी कमजोर: भारतीय टीम अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम से बेहतर नजर आती है और अगर वह मैदान पर भी खुद को बेहतर साबित करती है तो वह पहली बार साउथ अफ्रीका में सीरीज जीतने में भी सफल रहेगी। भारतीय टीम विशेषकर कोहली के लिए यह सीरीज कई मायनों में महत्वपूर्ण है और वे इसे यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। कोहली उस टीम के खिलाफ अपना दबदबा बनाने की कोशिश करेंगे जिसके केवल दो खिलाड़ियों कप्तान डीन एल्गर (69 टेस्ट) और विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डीकॉक (53 टेस्ट) ने ही 50 से अधिक मैच खेले हैं। भारत के लिए अच्छी खबर है कि कागिसो रबाडा का साथ देने के लिए विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक एनरिच नॉर्त्जे नहीं होंगे। जहां तक भारतीय बल्लेबाजों का सवाल है तो उन्हें बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज को लेकर अधिक चिंता नहीं होगी। खुद को भी करना होगा साबित: कोहली को जहां एक अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही टीम के खिलाफ अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना होगा वहीं उन्हें स्वयं भी बड़ी पारी खेलनी होगी क्योंकि वह 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाए हैं। इस बीच उनका औसत 30 से कम रहा जो उनकी ख्याति के अनुकूल नहीं है। कोहली ने दौरा शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर निशाना साधकर नयी चर्चा शुरू कर दी थी। लेकिन जो लोग कोहली को जानते हैं वे समझते हैं कि इस तरह की घटनाओं से भारतीय कप्तान अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं। टीम चयन पर माथापच्ची: कप्तान कोहली के लिए पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में कम अनुभवी श्रेयस अय्यर और अनुभवी लेकिन खराब फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे में से किसी एक का चयन करना आसान नहीं होगा। यही नहीं पांचवें गेंदबाज के रूप में शार्दुल ठाकुर या ईशांत शर्मा में से किसी एक को चुनने के लिए भी माथापच्ची करनी होगी। न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम प्रबंधन ने रहाणे और ईशांत को चोटिल बताकर बाहर कर दिया था लेकिन यदि वे रविवार को अंतिम एकादश में स्थान नहीं बना पाते हैं तो यही माना जाएगा कि उन्हें बाहर किया गया है। पिच व मौसम:: सेंचुरियन की पिच शुरुआत में धीमी रहती है और धीरे-धीरे इस पर रफ्तार बढ़ती है। दूसरे और तीसरे दिन तेज गेंदबाजों के लिए यह और भी मददगार साबित होती रही है। शुरुआती दो दिन गरज के साथ हल्की बारिश की आशंका है। संभावित प्लेइंग इलेवन:: भारत: केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, आर अश्विन, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमरा, मोहम्मद सिराज साउथ अफ्रीका: डीन एल्गर, एडेन मार्कराम, कीगन पीटरसन, रासी वान डर डुसेन, तेंबा बावुमा, क्विंटन डीकॉक, वियान मुल्डर, केशव महाराज, कागिसो रबाडा, लुंगी एंगिदी, डुएन ओलिवियर
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