ऋषभ पंत के लिए कई मुश्किलें, लेकिन पूर्व खिलाड़ियों को उम्मीद लगा सकता है टीम इंडिया का बेड़ा पार

चेन्नई तीन साल पहले () ने दि ओवल (The Oval) पर काउंटर-अटैक करते हुए शानदार सेंचुरी लगाई थी। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके आने का धमक थी। भारत वह मैच नहीं जीत पाया था लेकिन एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर यह एक ऐसे सफर की शुरुआत थी जो आने वाले वक्त में भारतीय टीम में अपना एक खास मुकाम बनाएगा। गुरुवार को भारतीय टीम एक बार फिर ओवल में हैं। इस बार सीरीज बराबरी पर ( Test Series) है। और अगर भारत को सीरीज जीतने की ओर कदम बढ़ाना है तो पंत को एक बार फिर अपना रंग दिखाना होगा। 25, 37, 22, 2 और 1- सीरीज में पंत ने अभी तक इतने ही रन बनाए हैं। वह नंबर छह पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। और एक ऐसी टीम जो सिर्फ छह बल्लेबाजों के साथ खेल रही है उसके लिए पंत के यह स्कोर काफी नहीं कहे जा सकते। ऑस्ट्रेलिया में इस पोजिशन पर उन्होंने बाकमाल बल्लेबाजी की थी। उन्होंने भारत को सीरीज जितवाने में अहम किरदार निभाया था। इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी उन्होंने अहमदाबाद की धूलभरी पिच पर मैच-जिताऊ पारी खेली थी। लेकिन इंग्लैंड की सीमिंग कंडीशन में पंत संघर्ष कर रहे हैं। जेम्स एंडरसन (Jamesh Anderson) और ओली रॉबिनसन (Ollie Robinson) का स्विंग इस 24 वर्षीय बल्लेबाज को काफी परेशान कर रहा है। इसी वजह से उन्होंने स्विंग का सामना करने के लिए क्रीज से बाहर खड़े होने का फैसला किया। इससे वह गेंद को थोड़ा जल्दी खेल सकते थे। साल 2018 में इंग्लैंड में विराट कोहली (Virat Kohli) के लिए इस रणनीति ने कमाल किया था। और शायद यही कारण है कि ज्यादातर भारतीय बल्लेबाज फ्रंट-फुट पर गेंद को खेलने लगे हैं और पंत भी कोई अपवाद नहीं हैं। इसने उस पुरानी थिअरी को खत्म कर दिया जिसमें बैकफुट का इस्तेमाल करने और इंग्लिश परिस्थितियों में गेंद को देर से खेलने को कहा जाता था। हालांकि इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता बशर्ते आप रन बना रहे हों। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'पंत ने अपने ज्यादातर रन इसी तरह खेलते हुए बनाए हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में इसी अंदाज में रन बनाए और आपको उन्हें निखरने के लिए थोड़ा वक्त देना होगा। मुझे नहीं लगता कि सीरीज के बीच में आपको कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत है।' लेकिन समस्या यह है इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियां एक जैसी नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया में गेंद बहुत ज्यादा सीम या स्विंग नहीं होती है। और ऐसे में लाइन में हार्ड हैंड से खेलना हमेशा खतरनाक नहीं होता। ऐसे में बल्लेबाजों के लिए हैंड-आई कॉर्डिनेशन काफी अहम रहता है। एक अन्य पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) को लगता है कि पंत को सीरीज के बीच में अपनी तकनीक में बदलाव करने के बजाय, डिफेंस थोड़ा मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अहम बात यह है कि पंत का सोचने का तरीका बहुत ज्यादा कन्फ्यूज नहीं है। अगर पंत एक पारी में अच्छा खेलते हैं तो वह आपको टेस्ट मैच में जीत दिला सकते हैं, तो आपको उनके साथ मौका ले सकते हैं। लेकिन साथ ही पंत को अपने शॉट-सिलेक्शन को लेकर अधिक सतर्क होने की जरूरत है।' दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) को लगता है कि पंत के लिए जरूरी है कि वह गेंद को शरीर के अधिक करीब से खेलें। दासगुप्ता ने कहा, 'एंडरसन और रॉबिनसन को मालूम है कि इन परिस्थितियों का कैसे इस्तेमाल करना है। वे ओवर द विकेट ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करते हुए पंत पर काबू रखते हैं। अगर पंत शुरुआत में इससे पार पा लते हैं तो फिर वह अपना तरीका निकाल सकते हैं... आगे बढ़कर खेलना या कुछ भी।' अब दोनो टीमें ओवल पर भिड़ेंगी। यह ऐतिहासिक रूप से ऐसा मैदान है जहां गेंद बहुत ज्यादा हिलती नहीं है। यहां गेंद में बहुत ज्यादा सीम मूवमेंट नहीं होती जो पंत के लिए अच्छी बात हो सकती है। उन्हें इस मैदान लगाए गए पिछले शतक से जरूर आत्मविश्वास हासिल करना चाहिए। कार्तिक ने कहा, 'पंत को पता है कि इन परिस्थितियों से कैसे निपटना है। वह मैच-विनर हैं और मुझे यकीन है कि वह अच्छा करेंगे। '


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