नई दिल्ली वसीम अकरम पाकिस्तान के बेहतरीन कप्तानों में से एक रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान की ओर से 109 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की। वह सबसे अधिक मैचों में कप्तानी के मामले में इमरान खान के बाद दूसरे नंबर पर हैं। अकरम (Wasim Akram) की कप्तानी में पाकिस्तान ने 66 मैच जीते वहीं 41 गंवाए। संन्यास के बाद उन्होंने कभी पाकिस्तान टीम के कोच बनने में क्यों नहीं दिलचस्पी दिखाई। इसका खुलासा अकरम ने अब किया है। क्रिकेट पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में अकरम ने कहा, ' देखिए, पाकिस्तान ही नहीं बल्कि किसी भी इंटरनैशनल टीम से जब आप जुड़ते हो तो कम से कम 200-250 दिन उनको देने होते हैं। मुझे लगता है कि मैं इतना समय पाकिस्तान और अपने परिवार से दूर नहीं रह सकता। आम तौर पर जिन खिलाड़ियों को मुझसे मदद चाहिए होती है, वो मुझसे संपर्क करते हैं और मैं उनकी मदद कर देता हूं।' साल 1992 में वर्ल्ड कप जीत चुकी पाकिस्तान टीम को अब तक दिवंगत बॉब वूल्मर, मिकी आर्थर और मिस्बाह उल हक कोचिंग दे चुके हैं। बाएं हाथ पूर्व तेज गेंदबाज अकरम इस दौरान फ्रैंचाइजी टीम के कोच जरूर रहे लेकिन उन्होंने पाकिस्तान टीम के कोचिंग में कभी रूचि नहीं दिखाई। बकौल अकरम, ' दूसरी बात ये कि मैं बेवकूफ नहीं हूं। मैं सुनता रहता हूं, मैं देखता रहता हूं कि किस तरह सोशल मीडिया पर लोग अपने कोच और सीनियर्स के साथ बदतमीजी करते रहते हैं। कोच को क्रिकेट नहीं खेलना है, वो खिलाड़ी हैं जिनको मैदान पर उतरकर खेलना होता है। कोच का काम सिर्फ प्लान बनाना होता है और ये पूरा उसका दोष नहीं होता जब टीम हारती है। उससे भी मुझे थोड़ा डर सा रहता है क्योंकि मैं कोचों के खिलाफ बदतमीजी बर्दाश्त नहीं कर सकता।' अकरम के नाम 104 टेस्ट मैचों में 414 वहीं 356 वनडे में 502 विकेट दर्ज हैं।
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