कोलंबो श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और 1996 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान () अपने देश की विपक्षी पार्टी के नेता चुने जा सकते हैं। श्रीलंका की सबसे पुराने राजनीतिक पार्टी 'यूनाइटेड नैशनल पार्टी' (UNP) को हाल ही हुए संसदीय चुनाव में सबसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। इस बार यूएनपी एक भी सीट नहीं जीत पाई है और चुनाव हारने वालों में श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा भी शामिल हैं। इस शर्मनाक हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री रनिल विक्रमासिंघे ने पार्टी के नेतृत्व पद से इस्तीफा देना का फैसला किया है। वह बीते 26 साल से पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे और यह उनके कार्यकाल में सबसे बुरी हार है। विक्रमासिंघे के लिए यह पहली बार होगा जब वह 1977 के बाद संसद के सदस्य नहीं चुने गए हैं। 1946 में बनी इस पार्टी की यह सबसे बुरी हार है। 225 संसदीय सीटों में इस पार्टी को सिर्फ 2 फीसदी वोट ही मिले और उनका कोई भी सदस्य इस बार सांसद नहीं बन पाया है। विक्रमसिंघे के इस फैसले के बाद पार्टी उनकी जगह कोई नया चेहरा तलाश रही है। इस रेस में UNP के महासचिव और विक्रमसिघें के चचेरे भाई रुवान विजयवर्धने और पूर्व स्पीकर करु रजसूर्या का नाम भी आगे चल रहा है। 57 वर्षीय रणतुंगा ने हाल ही में बताया, 'चुनाव परिणामों के बाद पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक हुई है, जिसमें पार्टी के अध्यक्ष के लिए चार नाम प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से एक नाम मेरा भी है। अगर मुझे पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिलता है तो मुझे बहुत खुशी होगी।'
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