ब्रॉड ने इंग्लैंड के खेल मनोवैज्ञानिकों से क्या कहा

साउथम्पटन ने इंग्लैंड टीम के से खिलाड़ियों को मानसिक रूप से इस तरह ढालने में मदद करने की अपील की है जिससे वे कोरोना वायरस महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली होने पर खाली मैदानों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के जरिए कोरोना लॉकडाउन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिर शुरू होग । ये मैच जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में खेले जाएंगे और मैदान पर दर्शक नहीं होंगे। ब्रॉड ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘ये मैच अलग होंगे क्योंकि दर्शक ही नहीं होंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मानसिक रूप से कठिन चुनौती होगा और हर खिलाड़ी को उसके लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैने अपने खेल मनोवैज्ञानिकों से बात की है कि वे मानसिक रूप से इस तरह से ढालने में मदद करें कि हम नए माहौल में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकें।’ ब्रॉड ने कहा, ‘अगर आप मेरे सामने एशेज मैच और सत्र से पहले का दोस्ताना मैच रखें तो मुझे पता है कि मेरा प्रदर्शन किसमें बेहतर होगा। मुझे यह तय करना होगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में जज्बात पर नियंत्रण रखना है और इस पर हम इस महीने की शुरूआत से ही काम कर रहे हैं।’ पहले टेस्ट में पहली बार इंग्लैंड की कप्तानी करेंगे और ब्रॉड का मानना है कि उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी। ब्रॉड ने कहा कि स्टोक्स के पास क्रिकेट की जबर्दस्त समझ रखने वाला दिमाग है जिससे उन्हें जो रूट की जगह कप्तानी करने में मदद मिलेगी। रूट अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल सकेंगे।


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