नई दिल्ली दीपक अग्रवाल कथित भारतीय बुकी है जिसने बांग्लादेश के ऑलराउंडर से संपर्क किया। सर्किट में वह एक जाना-माना नाम है। आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) की नजर लगातार उस पर बनी रहती है। फ्रैंचाइजी क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्पॉट-फिक्सिंग के लगातार प्रयासों के चलते आईसीसी ने अग्रवाल को ब्लैक लिस्ट भी कर रखा है। अप्रैल 2017 में पुलिस ने उसे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ इलाके से हिरासत में लिया था। उसके साथ दो अन्य लोग भी हिरासत में लिए गए थे। दीपक को जेल भी हुई लेकिन बाहर आने के बाद वह दोबारा उसे पुराने धंधे में जुट गया। साल 2011 में 29 वर्षीय भारतीय नागरिक विजय कुमार की मौत में भी कथित रूप से अग्रवाल का नाम सामने आया था। विजय ने राजस्थान के उदयपुर शहर के घंटाघर इलाके में फांसी पर लटककर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले विजय ने एक नोट छोड़ा था जिसमें उसने लिखा था कि 5 लाख रुपये उधार लिए थे और आरोपी अग्रवाल उसे बेटिंग में फंसाने की धमकी दे रहा था। उस समय उदयपुर शहर से अडिशनल एसपी तेजराज सिंह ने कहा था, 'विजय ने एक सूइसाइड नोट छोड़ा था जिसमें उसने दावा किया था कि उसने एक बुकी से 5 लाख रुपये लिए हैं और इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने, एक बुकी जिसकी पहचान दीपक अग्रवाल के रूप में हुई है, पर आरोप लगाया था कि वह उन्हें सट्टेबाजी में फंसाने की धमकी दे रहा है। नोट में उसने प्रशासन से अनुरोध किया था कि वह दीपक से पैसे लेकर उसके परिवार को लौटा दे।' इसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शाकिब से हुई अग्रवाल की बात आईसीसी ने के साथ हुई बांग्लादेशी ऑलराउंडर शाकिब अल हसन की बातचीत का खुलासा भी किया। आईसीसी ने कहा है कि पहली बार शाकिब से उसने 2017 में संपर्क किया था। उसके बाद से वह शाकिब से लगातार संपर्क में था। आईसीसी ने बताया नवंबर, 2017 में जब बांग्लादेश प्रीमियर लीग में शाकिब अल हसन ढाका डायनामाइट्स की ओर से खेल रहे थे तब अग्रवाल को किसी शख्स ने हसन का नंबर दिया था। अग्रवाल ने उस शख्स से बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेल रहे प्लेयर्स के नंबर मांगे थे। 19 जनवरी, 2018 को अग्रवाल ने शाकिब को मेसेज कर बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और श्रीलंका की त्रिकोणीय सीरीज में मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर बधाई दी थी। आईसीसी ने कहा, 'बुकी ने इसके बाद हसन को एक और मेसेज किया और लिखा, 'क्या हम इस पर काम कर सकते हैं या आईपीएल तक मुझे इंतजार करना होगा।' कब क्या हुआ
- जनवरी 2018, शाकिब को बांग्लादेश, श्रीलंका और जिंबाब्वे की मौजूदगी वाली ट्राएंगुलर सीरीज के लिए बांग्लादेश की टीम में चुना गया था। इस दौरान उसके और अग्रवाल के बीच वाट्सऐप पर बातें हुईं।
- 19 जनवरी 2018, शाकिब को उस दिन के मैच में मैन ऑफ द मैच बनने के लिए अग्रवाल ने बधाई देते हुए वॉट्सऐप पर संदेश भेजा। अग्रवाल ने इसके बाद संदेश भेजा ‘क्या हम इसमें काम कर सकते हैं या मैं आईपीएल तक इंतजार करूं।’’
- इस संदेश में ‘काम’ करने का संदर्भ उसका अग्रवाल को आंतरिक सूचना उपलब्ध कराना था।
- शाकिब ने अग्रवाल के संपर्क की जानकारी एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी को नहीं दी।
- 23 जनवरी 2018, शाकिब को अग्रवाल का एक और वॉट्सऐप संदेश मिला जिसमें अग्रवाल ने एक बार फिर उससे संपर्क करके अंदरूनी जानकारी पता करना चाही। इसमें अग्रवाल ने लिखा ‘दोस्त इस सीरीज में कुछ हो सकता है?’।
- शाकिब ने पुष्टि की कि अग्रवाल ने यह संदेश उसे मौजूदा ट्राएंगुलर सीरीज के संबंध में अंदरूनी सूचना हासिल करने के आग्रह के साथ किया गया था।
- शाकिब ने अग्रवाल के अंदरूनी सूचना हासिल करने के इस आग्रह की जानकारी एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी को नहीं दी।
- 26 अप्रैल 2018, वह किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ आईपीएल मैच में सनराइजर्स हैदराबाद टीम की ओर से खेले।
- उस दिन उसे अग्रवाल का एक और वॉट्सऐप संदेश मिला जिसमें उस दिन निश्चित खिलाड़ी के खेलने के बारे में पूछा गया, इस तरह एक बार फिर अंदरूनी जानकारी मांगी गई।
- अग्रवाल ने बिटक्वाइन, डॉलर अकाउंट के बारे में बात करके इस चर्चा को जारी रखा और उसके डॉलर अकाउंट की जानकारी मांगी। इस बातचीत के दौरान उसने अग्रवाल से कहा कि वह पहले उनसे मिलना चाहता है।
- 26 अप्रैल 2018 के इन संदेशों में कई डिलीट किए गए संदेश भी शामिल हैं। शाकिब ने पुष्टि की कि अग्रवाल ने इस डिलीट किए गए संदेशों में अंदरूनी जानकारी देने का आग्रह किया था।
- उन्होंने पुष्टि की कि अग्रवाल को लेकर उनकी चिंताएं थी, लगता था कि वह ‘धोखेबाज’ है। इसके बाद हुई बातचीत में उसे महसूस हुआ कि वह सट्टेबाज था।
- 26 अप्रैल 2018 को अग्रवाल के संपर्क करने की जानकारी उसने एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी को नहीं दी।
- शाकिब ने एसीयू को बताया कि अग्रवाल के किसी भी आग्रह को स्वीकार नहीं किया और ना ही कोई जानकारी दी, उसने कोई सूचना मुहैया नहीं कराई जिसके लिए आग्रह किया गया था और ना ही अग्रवाल से उसने कोई पैसा या अन्य कोई इनाम लिया। हालांकि इस दौरान उसने कभी भी इस संपर्क के बारे में एसीयू या किसी अन्य संबंधित अधिकारी को कोई जानकारी नहीं दी।
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