नई दिल्ली पूर्व भारतीय कप्तान की अगुआई वाली क्रिकेट समिति अपनी अगली बैठक में बाउंड्री नियम सहित वर्ल्ड कप फाइनल से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेगी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्यौफ एलार्डिस ने यह जानकारी दी। इंग्लैंड और वेल्स में खेले गए वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में विजेता का फैसला बाउंड्री के आधार पर हुआ। इससे पहले फाइनल मैच और सुपर ओवर दोनों टाइ रहे थे। इसी के बाद से कई जानकारों ने विजेता का फैसला करने वाले इस नियम पर सवाल खड़े किए थे। ईएसपीएनक्रिकइन्फो ने एलार्डिस के हवाले से कहा, 'आईसीसी प्रतियोगिताओं में 2009 से मैच टाई होने की स्थिति में विजेता का फैसला करने के लिए सुपर ओवर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुपर ओवर भी टाई होने के बाद मैच का नतीजा उसी मैच में हुई किसी चीज के आधार पर निकालना था। इसलिए यह हमेशा उस मैच में लगी बाउंड्री की संख्या से जुड़ा था।' पढ़ें: इंग्लैंड में 14 जुलाई को लॉर्ड्स में खेले गए फाइनल मैच में ज्यादा बाउंड्री के आधार पर न्यू जीलैंड को हराकर पहली बार विश्व कप खिताब जीता। मैच टाइ रहने के बाद सुपर ओवर का सहारा लिया गया, लेकिन सुपर ओवर में भी मैच टाइ रहने के बाद इंग्लैंड को 22 चौके और 2 छक्के जड़ने के कारण विजेता घोषित किया गया था, जबकि न्यू जीलैंड की टीम 17 बाउंड्री ही लगा पाई थी। एलार्डिस ने कहा, 'दुनिया भर की लगभग सभी टी-20 लीग में सुपर ओवर टाई होने पर बाउंड्री के नियम का इस्तेमाल होता है। हम भी उसी सुपर ओवर नियमों का इस्तेमाल करना चाहते थे, जो सभी पेशेवर क्रिकेट में उपयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि इसे इस तरह लागू किया गया था। क्या इससे कुछ अलग हो सकता था? इस पर हमारी क्रिकेट समिति विचार करेगी।'
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